लीवर के सभी रोगों के लिए वरदान, सूजन, बिलीरुबिन और पीलिया में है बहुत फायदेमंद।
लीवर की यह सबसे अधिक प्रमाणिक औषधि है। लीवर बढ़ गया है या या उसमे सूजन है तो यह पौधा उसे बिलकुल ठीक कर देगा। बिलीरुबिन बढ़ गया है , पीलिया हो गया है, पीलिया का रोगी मौत के मुंह मे हो यह देने से बहुत अधिक लाभ होता है। अन्य दवाइयो के साथ भी दे सकते (जैसे कुटकी/रोहितक/भृंगराज युक्त लीवर रिएक्टिवेटर) अकेले भी दे सकते हैं।
कभी नहीं होगी लीवर की समस्या।
अगर वर्ष में एक महीने भी इसका सेवन कर लिया जाए तो पूरे वर्ष लीवर की कोई समस्या ही नहीं होगी। LIVER CIRRHOSIS जिसमे यकृत मे घाव हो जाते हैं यकृत सिकुड़ जाता है उसमे भी बहुत लाभ करता है। Fatty LIVER जिसमे यकृत मे सूजन आ जाती है पर बहुत लाभ करता है।
हेपेटायटिस B और C में. Hepatitis b – hepatitis c
हेपेटायटिस B और C के लिए यह रामबाण है।
डी टॉक्सिफिकेशन
इसमें शरीर के विजातीय तत्वों को दूर करने की अद्भुत क्षमता है।
मुंह में छाले और मुंह पकने पर
स्तन में सूजन या गाँठ।
जलोदर या असाईटिस
खांसी
किडनी
स्त्री रोगो में।
पेट में दर्द
शुगर में
पुराना बुखार
आँतों का इन्फेक्शन
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